कैलाश के निवासी, नमो बार बार हूँ लिरिक्स

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ लिरिक्स

कैलाश के निवासी, नमो बार बार हूँ लिरिक्स
कैलाश के निवासी, नमो बार बार हूँ लिरिक्स 

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ लिरिक्स

अकाल मृत्यु वो मरे , जो कार्य करे चंडाल का ।
काल उसका क्या करे , जो भक्त हो महाकाल का ॥

शिव शम्भू...शिव शम्भू...
कैलाश के निवासी, नमो बार बार हूँ,
नमो बार बार हूँ,
आयो शरण तिहारी,शंभू तार तार तू,
शिव शम्भू...शिव शम्भू...

भक्तो को कभी तुने, निराश ना किया
माँगा जिसे जो चाहा,वो वरदान दे दिया
शिव शम्भू...शिव शम्भू...

बड़ा हैं तेरा दायरा, कितना उदार तू,
कितना उदार तू
आयो शरण तिहारी,शंभू तार तार तू,
शिव शम्भू...शिव शम्भू...

बखान क्या करू मै, शिव तेरे स्वरुप का,
लगती भभूत में हैं, खजाना कुबेर का,
खजाना कुबेर का

शिव शम्भू...शिव शम्भू...


गंगाधार मुक्ति द्वार,ओंकार तू ओंकार तू
आयो शरण तिहारी,शंभू तार तार तू,
शिव शम्भू...शिव शम्भू...

क्या क्या नहीं दिया हमें , हम क्या प्रमाण दे
बस गए त्रिलोक, शम्भू तेरे दान से

शिव शम्भू...शिव शम्भू...

ज़हर पिया जीवन दिया, कितना उदार तू,
कितना उदार तू
आयो शरण तिहारी,शंभू तार तार तू,
शिव शम्भू...शिव शम्भू...

तेरी कृपा बिना नहीं ले एक भी अणु,
लेते है श्वास तेरी दया से तनु-तनु ,

शिव शम्भू...शिव शम्भू...

कहे दास तेरा एक बार तो निहार तू
मुझको निहार तू
आयो शरण तिहारी,शंभू तार तार तू,
शिव शम्भू...शिव शम्भू...
भोले तार तार तू, तार तार तू
शिव शम्भू...शिव शम्भू...
शम्भू तार तार तू, तार तार तू
शिव शम्भू...शिव शम्भू...

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