बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया भजन लिरिक्स


॥ बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया लिरिक्स ॥

बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया
अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥

सदा पापी से पापी को भी तुम,
मां भव सिंधु तारी हो,
फसी मझधार में नैया को भी,
पल में उबारी हो,
न जाने कोन ऐसी भुल,
मुझसे हो गयी मैया,
तुम अपने इस बालक को मां,
मन से बिसारी हो॥

बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया
अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥

दर्शन को मेरी अखियाँ कब से तरस रहीं हैं,
सावन के जैसे झर झर अखियाँ बरस रहीं हैं,
दर पे मुझे बुला ले, ए शेरों वाली मैया॥

आते हैं तेरे दर पे, दुनिया के नर और नारी,
सुनती हो सब की विनती,मेरी मैया शेरों वाली,
मुझ को दरश दिखा दे, ए मेहरों वाली मैया॥

‘शर्मा’ पे मेरी मैया द्रष्टि दया की कर माँ,
चरणों की धूल देकर ‘लख्खा’ की झोली भर माँ,
मरते को अब जीलादे ए शेरों वाली मैया॥

बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया
अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥

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