॥ श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया ॥
हर तकलीफ तुम जानते हो,
बस बाबा तुम ही हो अपने।
खुली आंखों से तुम दिखते हो,
बंद आंखों में भी तेरे सपने॥
ओ रहो में जो मैं भटक जाउ तो,
बस तेरा नाम ही याद आए।
क्या लेना दुनिया से उसको जिसे,
प्यार श्याम बाबा से हो जाए॥
हो कब-कब तेरा बाबा मैं, दीवाना हो गया,
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया।
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया,
आंसुओं का ठिकाना अब रवाना हो गया।
मैं दीवाना मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया,
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया।
तुमने ही देखा केवल युद्ध वो सारा,
कृष्ण के सुदर्शन ने सबको था मारा।
तुमने ही देखा केवल युद्ध वो सारा,
कृष्ण के सुदर्शन ने सबको था मारा।
देवी हडिम्बा से लिया तुमने ज्ञान,
पांच पांडवों का तोड़ा अभिमान।
देखा न मैंने कभी कही तुम जैसा कोई बलशाली।
एहसान कैसे चूका तुम्हारा जो जिंदगी मेरी संभली।
हो कब-कब तेरा बाबा मैं दीवाना हो गया,
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया।
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया,
आंसुओं का ठिकाना अब रवाना हो गया।
मैं दीवाना मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया,
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया।
मेरे आंसुओं का तुम हो किनारा,
तेरा साथ हो तो मुझको सब कुछ गवारा।
तेरा साथ हो तो मुझको सब कुछ गवारा
तुम शरण में ही रखना मुझको अपनी,
गर भूल भी हो जाए मुझ से।
तुम ही हो एक मेरा सहारा फिरना न नज़र कभी मुझ से॥
सब कुछ दिया बिन मांगे मुझे और मांगू भी मैं क्या तुम से।
देना भी हो तो मुझे तुम देना के जन्मों का साथ हो तुम से॥
हो कब-कब तेरा बाबा मैं दीवाना हो गया,
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया।
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया,
आंसुओं का ठिकाना अब रवाना हो गया।
मैं दीवाना मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया,
श्यामा दर तेरे जब से आना जाना हो गया।
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