॥ बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी लिरिक्स॥
॥ दोहा ॥
दरबार तेरा दरबारों में,
एक ख़ास एहमियत रखता है,
उसको वैसा मिल जाता है,
जो जैसी नियत रखता है…
बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी,
भक्तों की लगी है कतार भवानी…
ऊँचे पर्बत भवन निराला,
आके शीश निवावे संसार भवानी,
प्यारा सजा है द्वार भवानी…
जगमग जगमग ज्योत जगे है,
तेरे चरणों में गंगा की धार, भवानी,
तेरे भक्तों की लगी है कतार भवानी…
लाल चुनरिया लाल लाल चूड़ा,
गले लाल फूलों के सोहे हार, भवानी,
प्यारा सजा है द्वार भवानी…
सावन महीना मैया झूला झूले,
देखो रूप कंजको का धार भवानी,
प्यारा सजा है द्वार भवानी…
पल में भरती झोली खाली,
तेरे खुले दया के भण्डार भवानी,
तेरे भक्तों की लगी है कतार भवानी…
लक्खा को है तेरा सहारा माँ,
करदे अपने सरल का बेडा पार भवानी,
प्यारा सजा है द्वार भवानी…
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