नन्हे नन्हे पाँव मेरे ऊँचा पर्वत तेरा भजन लिरिक्स
नन्हे नन्हे पाँव मेरे ऊँचा पर्वत तेरा भजन लिरिक्स |
॥ नन्हे नन्हे पाँव मेरे ऊँचा पर्वत तेरा लिरिक्स॥
नन्हे नन्हे पाँव मेरे, ऊँचा पर्वत तेरा,
देख कहीं मैं गिर ना जाऊँ, हाँथ पकड़ ले मेरा,
माँ फिर से पवन का, तू रूप बना के,
मुझे अपने द्वारे, तू ले चल उड़ा के,
वैसे तो निकला था मैं आज अकेला,
मिला मुझे राहों मैं, दुनियाँ का मेला,
भीड़ में सब के सब हैं, तेरे दीवाने,
मुझको तेरी धुन है, ये कोई ना जाने,
सब के मन में माता तेरे दर्शन की अभिलाषा है,
तू सबकी जीवन आशा है,
जय तेरी माँ, जय तेरी माँ,
नन्हे नन्हे पाँव मेरे, ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कहीं मैं गिर ना जाऊँ, हाँथ पकड़ ले मेरा,
माँ फिर से पवन का, तू रूप बना के,
मुझे अपने द्वारे, तू ले चल उड़ा के,
तेरी लगन की मैया, है यही कहानी,
भूख लगी है मुझको ना पिया है पानी,
धूप लगी है छाँव तेरी राहों में,
थके ना मेरे पाँव तेरी राहों में,
सबके मन में माता तेरे दर्शन की अभिलाषा है,
सब के मन में माता तेरे दर्शन की अभिलाषा है,
तू सबकी जीवन आशा है,
जय तेरी माँ, जय तेरी माँ,
नन्हे नन्हे पाँव मेरे, ऊँचा पर्वत तेरा ।
देख कहीं मैं गिर ना जाऊँ, हाँथ पकड़ ले मेरा॥
माँ फिर से पवन का, तू रूप बना के,
मुझे अपने द्वारे, तू ले चल उड़ा के,
नाम तेरा ले ले के मैं बढ़ता आया,
रुके बिना पर्वत पे मैं चढ़ता आया,
आ पहुँचा हूँ मैया मैं भवन पे तेरे,
मिलके दूर ना होना, नैनो से मेरे,
सब के मन में माता तेरे, दर्शन की अभिलाषा है,
तू सबकी जीवन आशा है,
जय तेरी माँ, जय तेरी माँ,
नन्हे नन्हे पाँव मेरे, ऊँचा पर्वत तेरा,
देख कहीं मैं गिर ना जाऊँ, हाँथ पकड़ ले मेरा,
माँ फिर से पवन का, तू रूप बना के,
मुझे अपने द्वारे, तू ले चल उड़ा के,
नन्हे नन्हे पाँव मेरे, ऊँचा पर्वत तेरा,
देख कहीं मैं गिर ना जाऊँ, हाँथ पकड़ ले मेरा....
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