सिया के राम (कन्हैया मित्तल)

सिया के राम (कन्हैया मित्तल)

सिया के राम (कन्हैया मित्तल)
सिया के राम (कन्हैया मित्तल)

सिया के राम (कन्हैया मित्तल)

मेरे रोम रोम में राम राम
मेरे तन-मन-धन में राम राम
मेरे रोम रोम में राम राम
मेरे अन्तर्मन में राम राम
मैं जहाँ भी देखू राम राम
मैं कैसे रहूँ बिन राम राम
जहाँ जायेंगे रघुवर मेरे
सीता रहेगी साथ
आगे सीता पीछे राम
आगे सीता पीछे राम
सीता-राम सीता-राम
सीता-राम सीता-राम

संग में वनवास चलूंगी
तुम्हारे साथ रहूंगी
जो भी तुम कहोगे मुझको
वही में काम करुँगी
मुझे छोड़के ऐसे ना जाओ
दिल तोड़ के ऐसे ना जाओ
मैं भी संग में चलूंगी राम
बस जपती रहूंगी राम राम
जैसे रखोगे रघुवर मेरे
वैसे रहूंगी राम
आगे सीता पीछे राम
आगे सीता पीछे राम
सीता-राम सीता-राम
सीता-राम सीता-राम

धनुष को तोड़ के तुमने
स्वयंवर जीता जैसे
मेरा दिल तोड़ के रघुवर
क्या जाओगे तुम ऐसे
चाहे दासी बना कर ले जाओ
चरणों से लगा कर ले जाओ
कैसे भी कर कर ले जाओ
मुझे ले जाओ मुझे ले जाओ
तन मन वारा रघुवर तुमपे
कैसे रहूंगी राम
आगे सीता पीछे राम
आगे सीता पीछे राम
सीता-राम सीता-राम
सीता-राम सीता-राम

सीता के दिल की बातें
राम मेरे जान गये है
सीता को ले जायेंगे
रघुवर ये मान गये है
अब लछमन कैसे समझाए
कोई भी समझ ना ये पाये
लक्ष्मीनारायण जायेंगे
ना शेषनाग रह पायेंगे
सेवा करूँगा रक्षा करूँगा
साथ चलूँगा दिन रात
लक्षमण बोले दिल की बात
मुझे ले चलो अपने साथ
सीता-राम सीता-राम
आगे सीता पीछे राम
लक्षमण करेगा सारे काम
जय जय सीता पति श्रीराम
जय जय राम राम राम
जय जय राम राम राम

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