राधा 4 रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)

राधा 4 रैप लिरिक्स 

(घोर सनातनी)

राधा 4 रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)
राधा 4 रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)


Lyrics/Composer/Rapper/Mix/Master
@GHORSANATANI
Singer/Music - ‪@Lovenishkhatribhajans‬

राधा 4 रैप लिरिक्स

(घोर सनातनी)


ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
रास रचाने को

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

मुझे श्रीधामा से श्राप मिला
तू दूर कृष्ण से जाएगी
सौ वर्षों तक ना मिलन होगा
तू रोएगी पछतायेगी
मेरा जन्म हुआ वृषभान जी के घर
आँख ना मैंने खोली
मैं बरसों तक खामोश रही
एक शब्द कभी ना बोली
मैं भोग रही थी संकट
मेरी किस्मत का जो लेखा था
ये नेत्र खुले थे पहली बार
जब तुमको मैंने देखा था
मेरी आँखों के तुम सामने थे
फिर भी कितनी दूरी थी
मेरा ब्याह भी ना हो पाया तुमसे
कैसी ये मजबूरी थी

ओ कान्हा यमुना सूख गयी
कोई जावे न नहाने को
गोकूल माखन बनता न
कोई न आवे खाने को

ओ कान्हा यमुना सूख गयी
कोई जावे न नहाने को
गोकूल माखन बनता न
कोई न आवे खाने को
गोपियां भूल न पाती हैं
गईया घास न खाती हैं
के पंछी चहकना भूल गए
कोई न बंसी सुनाने को

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

हे कान्हा तुमसे दूर होके
राधा ना सो पाती थी
ना पलक कभी झपकाई मैंने
चैन की नींद ना आती थी
तुम वृन्दावन से चले गये
मैं फिर भी गईया चराती थी
कभी कान्हा मेरा आयेगा
ये सोच के माखन बनाती थी
खुद को कोसती रहती थी
क्या मेरा था कसूर
क्यों कान्हा तुझको छोड़ने पर
मैं हो गयी थी मजबूर
गर श्राप मिलता ना श्रीधामा से
होते ना हम दूर
मैं मेहँदी लगाती तेरे नाम की
माँग में लाल सिन्दूर

ओ राधा सांस न ले पावे
गोकूल ढूंढन को जावे
कभी तो वृन्दावन आओ
न राधा पीड़ा सह पावे

कि राधा सांस न ले पावे
गोकूल ढूंढन को जावे
कभी तो वृन्दावन आओ
न राधा पीड़ा सह पावे

ओ माधव मुझे बचा लो तुम
आकर गले लगा लो तुम
कहीं ये साँस न थम जाएं
तो आओ दर्श दिखाने को

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

मेरे 36 गुण तुमसे मिलते
पर फिर भी राधा गुणी नहीं
तेरी 8 रानियों में कान्हा क्यों
राधा एक तूने चुनी नहीं
मेरे चेहरे पे मुस्कान है बेशक
गहरा दर्द जज्बातों में
तुम सदा ही हँसते रहना
छोड़ो क्या ही रखा इन बातों में
गोलोक से भू लोक पे
आना भी तुमसे पहले पड़ा
किस्मत का ये खेल देखो
मुझे जाना भी तुमसे पहले पड़ा
मैं तुमसे मिलने आती जब भी
श्राप बीच में आ खड़ा
अरे किस्मत का ये खेल देखो
मुझे जाना भी तुमसे पहले पड़ा

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
रास रचाने को
राधे राधे

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