देवी रुक्मणि रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)

देवी रुक्मणि रैप लिरिक्स 

(घोर सनातनी)

देवी रुक्मणि रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)
देवी रुक्मणि रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)

Lyrics/Rapper/Music/Mix/Master
‪@GHORSANATANI‬

देवी रुक्मणि रैप लिरिक्स 

(घोर सनातनी)

प्रेम शब्द की असली
परिभाषा बताने के लिए
आज आपके लिए
एक अन्य गीत लेकर प्रस्तुत हुए हैं
अपने श्री कृष्णा और राधा जी के
प्रेम के बारे में बहुत से गीत सुनने होंगे
किंतु आइये आज आपको
माता रुक्मणी और कृष्णा जी के
प्रेम विवाह की गाथा सुनाते हैं

विधर्भ के राज्य में थे
वन झरने झील
राजा भीष्मक्क की पुत्री
सुंदर और सुशील
माता लक्ष्मी जी लेके आई
रुक्मणी अवतार
कभी देखी नहीं कान्हा फिर भी
किया उनसे प्यार
इक नन्हे से बालक ने जब
पूतना को मारा
बकासुर का भी भ्रम इक
पल में उतारा
बड़े-बड़े दैत्यों को किया
क्षण में था देर
मामा कंस न बचेगा अब
उसकी ना खैर
किया मथुरा को पाप मुक्त
कंस का संहार
एक नन्हे से बालक की देखो
हुई जय जयकार
इंद्र ढाए थे कहर जो
लगा के पूरा जोर
पर्वत उंगली पर उठाया
मचा चारों ओर शोर
माता रुक्मणी ने सुना जब
कान्हा का बखान
चित्र बनाया
सुनके उनका गुणगान
सब खाना पीना भूल कर
वो कान्हा में खो जाती
कभी याद आती कान्हा की
तो रोने लग जाती
उनकी वीरता के किस्से पूरी
दुनिया थी गाती
माता रुक्मणी के चेहरे पे
मुस्कान खिल जाती
बालपन से ही सुनती आई
कान्हा के वो किस्से
मन में मान बेठी पति
कान्हा आए उनके हिस्से
कभी देखे नहीं कृष्णा उनका
नाम जानती थी
तन मन से वो पति और
भगवान मानती थी
चेदीराज शिशुपाल संग
तय हुआ विवाह
उनको भाता नहीं कोई मेरे
कान्हा के सिवा
माता रुक्मणि ने भेजा पत्र
मुझको बचाओ
मेरा हरण कीजे कान्हा शादी
मुझसे रचाओ
मेरे आप ही भगवान और
आप जीवनदान
गर आए न तुम कान्हा
देगी रुक्मणि ये प्राण
शिशुपाल माता रुक्मणि
के भाई थे मित्र
रुक्मी बड़ा था क्रूर और
थोडा सा विचित्र
अपनी बहन के प्रेम का
ना रखा था उसने मान
मेरे मुरली वाले मोहन बैठे
इससे अनजान
मेरे विष्णु माता लक्ष्मी के
बिना है अधूरे
कान्हा लक्ष्मी रूपी रुक्मणि
को पाकर हुए पुरे
जाके माता को भगाया
उनसे ब्याह भी रचाया
उनका भाई रुक्मी युद्ध करे
उसको हराया
अर्जुन सारथी थे बने उन्हें
गले से लगाया
जब हुआ महाभारत सारथी
कर्ज चुकाया
माता साथ में जो आई
नगरी फूली न समाई
आई द्वारका की रानी
खुशियां चारों ओर छाई
आई द्वारका की रानी
खुशियां चारों ओर छाई
आई द्वारका की रानी
खुशियां चारों ओर छाई

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