राधे कृष्णा रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)

राधे कृष्णा रैप लिरिक्स

(घोर सनातनी)

राधे कृष्णा रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)
राधे कृष्णा रैप लिरिक्स (घोर सनातनी)

Singer/Music
‪@Lovenishkhatribhajans‬
Lyrics/Rapper/Mix/Master
‪@GHORSANATANI‬

राधे कृष्णा रैप लिरिक्स

(घोर सनातनी)


ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
रास रचाने को

कान्हा तुमसे बिछड़े जब से
मिली मुझे रुसवाई है
कोई भी दिन रात नहीं
जब याद तेरी न आई है
मेरे पीड़ा हिस्से आई है
और दर्द भरी तन्हाई है
सौगंध कान्हा तेरी इक पल
चैन की साँस ना आई है
मुझे पता है कान्हा तुम भी
मेरे खातिर रोज तड़पते हो
मेरी इक झलक पाने की खातिर
तुम भी रोज तरसते हो
धर्म का पालन करते हो
और धर्म को ऊपर रखते हो
पर कर्त्तव्य को कान्हा क्या तुम
मुझसे भी प्रिय समझते हो

यमुना कान्हा सूख गयी
कोई जावे न नहाने को
गोकूल माखन बनता न
कोई आवे न अब खाने को
गई गईया भी सब रूठ
कोई बंसी नहीं सुनाने को
गोपियाँ पल पल मरती है
तेरे संग रास रचाने को
गीता का तुम ज्ञान दिए
मुझे प्रेम का पाठ पढ़ा जाना
मेरे इन सूने कानो को कभी
मुरली श्याम सुना जाना
मेरे प्राण त्यागने से पहले
तुम मुझसे मिलने आ जाना
हाथो से तेरे ओ मोहन
मुझको माखन कभी खिला जाना

तुम हो राजा द्वारका के
क्यों गवालो सम्मुख आओगे
56 भोग जो मिलते है अब
माखन काहे खाओगे
अब महलों में जो रहते हो
गईया काहे चराओगे
द्वारका में मन लगता है
क्यों वृन्दावन में आओगे
सुना रानियां 8रखी
क्यों हमसे मिलने आओगे
इक बंसी सौतन साथ रखो
क्यों हमसे रास रचाओगे
आँखे मेरी तरस गई
कब मुझको दर्श दिखाओगे
यम लेने आए प्राण मेरे
क्या उससे पहले आओगे

मैं खुद को कोसती रहती हूं
पर तुम पे आंच न आने दूं
बादल से जैसे बरखा बहती
आँखों को बह जाने दूं
मुझे ताने देती सखियां
सब सेह लेती कह के जाने दूं
तेरी पीड़ा जुदाई को सहने से
तो अच्छा सांस रुक जाने दूं
तुमसे हैं मेरी प्रीत जुड़ी
और तुम्ही मेरे प्रियतम हो
मैं लाख दर्द खुद सेह लूंगी
पर आँख तेरी न कभी नम हो
मैं अंदर से हूं टूट चुकी
तुझे दर दर खोजने जाती हूं
तुम जाके बैठे द्वारका में
गैया को पीड़ा सुनती हूं

मुझे श्रीधामा से श्राप मिला
तू दूर कृष्ण से जाएगी
सौ वर्षों तक ना मिलन होगा
तू रोएगी पछतायेगी
मेरा जन्म हुआ वृषभान जी के घर
आँख ना मैंने खोली
मैं बरसों तक खामोश रही
एक शब्द कभी ना बोली
मैं भोग रही थी संकट
मेरी किस्मत का जो लेखा था
ये नेत्र खुले थे पहली बार
जब तुमको मैंने देखा था
मेरी आँखों के तुम सामने थे
फिर भी कितनी दूरी थी
मेरा ब्याह भी ना हो पाया तुमसे
कैसी ये मजबूरी थी

हे कान्हा तुमसे दूर होके
राधा ना सो पाती थी
ना पलक कभी झपकाई मैंने
चैन की नींद ना आती थी
तुम वृन्दावन से चले गये
मैं फिर भी गईया चराती थी
कभी कान्हा मेरा आयेगा
ये सोच के माखन बनाती थी
खुद को कोसती रहती थी
क्या मेरा था कसूर
क्यों कान्हा तुझको छोड़ने पर
मैं हो गयी थी मजबूर
गर श्राप मिलता ना श्रीधामा से
होते ना हम दूर
मैं मेहँदी लगाती तेरे नाम की
माँग में लाल सिन्दूर
मेरे 36 गुण तुमसे मिलते
पर फिर भी राधा गुणी नहीं
तेरी 8 रानियों में कान्हा क्यों
राधा एक तूने चुनी नहीं
मेरे चेहरे पे मुस्कान है बेशक
गहरा दर्द जज्बातों में
तुम सदा ही हँसते रहना
छोड़ो क्या ही रखा इन बातों में
गो लोक से भू लोक पे
आना भी तुमसे पहले पड़ा
किस्मत का ये खेल देखो
मुझे जाना भी तुमसे पहले पड़ा
मैं तुमसे मिलने आती जब भी
श्राप बीच में आ खड़ा
अरे किस्मत का ये खेल देखो
मुझे जाना भी तुमसे पहले पड़ा

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को



ओ राधे कान्हा तरस गया
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
रास रचाने को

ओ राधे कान्हा तरस गया
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

ओ राधे कान्हा तरस गया
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

हे राधे तेरा कान्हा
तेरे दर्शन हेतू रोता है
गर राधा मेरी सोती ना
तो कान्हा भी ना सोता है
मै वृन्दावन से दूर हुआ
कोई मेरी भी मजबूरी थी
मथुरा में कंश को मारा
माँ पिता की मुक्ति जरुरी थी
मेरा जन्म हुआ था
धर्म स्थापना करने को संसार में
पर शक्ति मेरी बसती
मानो राधे तेरे प्यार में
मै विष्णु भी हूँ राम भी हूँ
मेरे रूप मान अनेक है
मै राधा तुमसे अलग नहीं
राधा कृष्ण तो एक हैं

कभी बंशी नहीं बजायी
जबसे वृन्दावन को छोड़ दिया
तुम्हें लगता होगा कान्हा ने तो
ताम नाम से मोड़ लिया
जिस तर्पण में मेरी राधा ना
उस तर्पण को ही तोड़ दिया
मेरे नाम कृष्ण के आगे
मैंने राधा नाम को जोड़ दिया
गर राधा मेरी पीड़ा में हो
आँसू मेरे बह जाये
मेरी राधा को कोई बुरा कहे
तो कान्हा कैसे सह जाये
मेरे दर्द छुपे है गहरे किन्तु
दिल के भीतर रह जाये
मै राधा तुझमें वास करू
जिसे कहना है जो कह जाये

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
रास रचाने को

ओ राधे कान्हा तरस गया
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
रास रचाने को

ओ राधे कान्हा तरस गया
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

ओ राधे कान्हा तरस गया
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को

ओ कान्हा राधा तरस गयी
तेरे इक दर्शन पाने को
आँखे रो रो बरस गयी
तेरे संग रास रचाने को
रास रचाने को

राधे राधे

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