नृसिंहा लिरिक्स (सुहित अभ्यंकर)

नृसिंहा लिरिक्स

(सुहित अभ्यंकर)

नृसिंहा लिरिक्स(सुहित अभ्यंकर)
नृसिंहा लिरिक्स(सुहित अभ्यंकर)

Song Name: Narasimha
Artist: Suhit Abhyankar,
Swami Shri Padmanabh Sharan
Music: Suhit Abhyankar
Lyrics: Suhit Abhyankar,
Swami Shri Padmanabh Sharan,
Traditional
Music Programming, Production, Arrangement:- 
Suhit Abhyankar

नृसिंहा लिरिक्स

(सुहित अभ्यंकर)

ॐ नमो नृसिंहाय हिरण्यकश्यप वक्षस्थल 
विदारण्य त्रिभुवन व्यापकाय भूत-प्रेत पिशाच 
डाकिनी-शाकिनी कालनोन्मूलनाय मम शरीरं 
स्तंभोद्भव सर्व दोषान् हन हन, शर शर, चल चल, 
कम्पय कम्पाय, मथ मथ, हुं फट् ठः ठः।
ॐ नमो नृसिंहाय स्वाहा

दैत्य दानवोंका उत्पात जब प्रचंड था
खंब फाड़ आया काल रूप नरसिंह का
डगमगई धरती थी ब्रह्माण्ड कपाने लगा
नखुनो से जयकार वक्ष फाड़ दिया दुष्टा का

ॐ श्रोम नरसिम्हा
ॐ श्रोम नरसिम्हा

रक्त पात जो हुआ था चारों ही दिशा
लाल रंग से भरी थी दोनों ही भुजा
सारी दुष्ट शक्ति को प्रभु ने दी सजा
ऐसा क्रोध देख कपाने लगी प्रजा
ॐ श्रोम नरसिम्हा
ॐ श्रोम नरसिम्हा

क्रोध में प्रभु ने की थी सिंहगर्जना
नम्र भाव से प्रल्हादने की वंदना
शांत हो प्रभु ने भक्त अंक मैं लिया
भक्त की पुकार को हरि ने सुन लिया

ॐ श्रोम नरसिम्हा
ॐ श्रोम नरसिम्हा

ॐ नमो नृसिंहाय हिरण्यकश्यप वक्षस्थल 
विद्याराय त्रिभुवन व्यापकाय भूत-प्रेत पिशाच 
डाकिनी-शाकिनी कालनोन्मूलनाय मम शरीरं 
स्तम्भोद्भव सर्व दोषान् हन हन, शर शर, चल चल, 
कम्पय कम्पय, मथ मथ, हुं फट् ठः ठः।
ॐ नमो नृसिंहाय स्वाहा

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