मैं कैसे भूल जाऊं प्रभु हनुमान को लिरिक्स (रोहित तिवारी बाबा)

मैं कैसे भूल जाऊं प्रभु हनुमान को 

लिरिक्स (रोहित तिवारी बाबा)


मैं कैसे भूल जाऊं लिरिक्स(रोहित तिवारी बाबा)
मैं कैसे भूल जाऊं लिरिक्स(रोहित तिवारी बाबा)

Song : Main Kaise Bhul Jaun Prabhu Hanuman Ko
Singer : Rohit Tiwari Baba
Lyrics : Dhaneshvar Prasad ( Dr.Purodha Ji )
Music Director :Piyusk K Mishra
Digital : Aadya Music Studio

मैं कैसे भूल जाऊं प्रभु हनुमान को 

लिरिक्स (रोहित तिवारी बाबा)


मैं कैसे भूल जाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को
मैं कैसे भूल जाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को
किस्मत को बनाते हैं,
भव पार लगाते हैं
किस्मत को बनाते हैं,
भव पार लगाते हैं
दूर कैसे मैं रह पाऊं,
दूर कैसे मैं रह पाऊं...
मैं कैसे भूल जाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को
मैं कैसे भूल जाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को

हर पल दिया सहारा मुझको
अपने हृदय लगाया ।
दुनिया की सारी खुशियों से
मेरा घर द्वार सजाया ।

हर पल दिया सहारा मुझको
अपने हृदय लगाया ।
दुनिया की सारी खुशियों से
मेरा घर द्वार सजाया ।
मैं कुछ भी समझ ना पाऊं,
मैं कुछ भी समझ ना पाऊं...
मैं कैसे मूल चुकाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को ।
मैं कैसे भूल जाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को ।

जब जब ध्यान किया मैंने
तब संकटमोचन आए ।
आने वाली हर विघ्नों से
मुझको सदा ये बचाए ।

जब जब ध्यान किया मैंने
तब संकटमोचन आए ।
आने वाली हर विघ्नों से
मुझको सदा ये बचाए ।
मैं तो कपि दास कहाऊं,
मैं तो कपि दास कहाऊं...
यह देंह समूल चढ़ाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को
मैं कैसे भूल जाऊं
अपने प्रभु हनुमान को ।

अंधियारा मेरे उर का,
हर ज्ञान का दीप जलाया ।
लोक मेरा परलोक संवारा
जीवन धन्य बनाया ।

अंधियारा मेरे उर का,
हर ज्ञान का दीप जलाया ।
लोक मेरा परलोक संवारा
जीवन धन्य बनाया ।
कैसे मैं ये बिसराऊं,
कैसे मैं ये बिसराऊं...
मैं निसदीन शीश झुकाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को ।
मैं कैसे भूल जाऊं,
अपने प्रभु हनुमान को ।

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