रावण हूँ मैं लिरिक्स (रावण)

रावण हूँ मैं लिरिक्स

(रावण)

Wahi Ravan Hu Mai (Official Lyrical Video) || ‪@Realravan777‬ || ‪@RohitChaudharyMusic‬
रावण हूँ मैं लिरिक्स (रावण)

Song Name : Wahi Ravan Hu Mai
Singer : Ravan
Lyrics/Compose : Ravan
Music/Mix and Mastered : Rohit Chaudhary
Producer : Red Sky Records
Label - Red Sky Records

रावण हूँ मैं लिरिक्स

(रावण)

ॐ यस्याग्रे द्राट द्राट द्रुट द्रुट
ममलमं टंट टंट टटंटम
तैलं तैलं तुतैलं
खुखु खुखु खुखुमं
खंख खंख ख खंखम
डंसं डंसं डुडंसं डुही डुही
चकितं भूपकं भूयनालम्
ध्यायस्ते विप्रगाहे सवसति
सवलः पातुवः चंद्रचूड: ॥

जिया स्वाभिमान में जो
वही दानव हूँ मैं
जिसने जीते तीनों लोक
वही मानव हूँ मैं
सारे ग्रहों को है बांधा
करा काल भी अधीन
महादेव का जो भक्त
वही रावण हूँ मैं

जिया स्वाभिमान में जो
वही दानव हूँ मैं
जिसने जीते तीनों लोक
वही मानव हूँ मैं
सारे ग्रहों को है बांधा
करा काल भी अधीन
महादेव का जो भक्त
वही रावण हूँ मैं

रावण हूँ मैं
वही रावण हूँ मैं
रावण हूँ मैं
वही रावण हूँ मैं
रावण हूँ रावण हूँ
रव रव रव
रा रा रा रा रा रा रा रा रावण हूँ मैं

वेदों का है ज्ञान मुझमें
भक्त महादेव का
सामने ना टिकता मेरे
स्वर्ग का कोई देवता
मैं ही सर्व श्रेष्ठ और
मैं ही परम ज्ञानी हूँ
इतनी योग्यता है तभी
थोड़ा अभिमानी हूँ

मैं काल का स्वरूप है,
विराट मेरा रूप
महादेव ने दिया है
चद्रहास मेरे हाथ में
नाम का प्रकोप तीनों
लोक में है ऐसा
मेरे नाम से है तीनो लोक
थर्र थर्र कांपते

पुत्र कैकसी का जो भी
सिखा खुद से सिखा है
पसंद मुझे जो विश्व में
वो सारा मैंने जीता
नाना नानी से समक्ष
मेरा बाल्यकाल बीता
जहां तंत्र मंत्र माया का
प्रयोग मैंने सिखा

है ना दुखी कोई
मेरे साम्राज्य में
मुझसा ना पंडित बस
दानव का भेष है
स्वर्ग जीता और तोड़ा
इंद्र के घमंड को
लंका का राजा
दशानन लंकेश मैं
लंका का राजा
दशानन लंकेश मैं
लंका का राजा दशानन

जिया स्वाभिमान में जो
वही दानव हूँ मैं
जिसने जीते तीनों लोक
वही मानव हूँ मैं
सारे ग्रहों को है बांधा
करा काल भी अधीन
महादेव का जो भक्त
वही रावण हूँ मैं

जिया स्वाभिमान में जो
वही दानव हूँ मैं
जिसने जीते तीनों लोक
वही मानव हूँ मैं
सारे ग्रहों को है बांधा
करा काल भी अधीन
महादेव का जो भक्त
वही रावण हूँ मैं

लाख बुरा कहे मुझको
पर वो ये भी जानता
बहन के लिए मैं सिधा
लड़ गया भगवान से
भान था मुझे के मेरी
मृत्यु का संकेत है
वो फिर भी वैर ले लिया था
मैने सिद्ध राम से

आन की थी बात
तभी डाला मैंने हाथ
तभी छल से लेके आ गया था
सीता अपनी साथ
कभी स्पर्श ना किया था
मैंने इच्छा के विरुद्ध
क्योंकी बात वो जो थी
वो मेरी शान के ख़िलाफ़

इतना बल था मुझमें के
मैं राम को विवश करु
के युद्ध क्षेत्र में वो
अपने शस्त्र धर ही देता
मुझपे ​विजय पाना तो
भगवान के भी वश में ना था
मेरा सागा भाई
मेरा भेद गर ना देता

कैलाश को उठाया
मैंने साथ भोलेनाथ के
भार फिर बढ़ाया मेरे
नाथ भोलेनाथ ने
हाथ मेरे दब गए थे
नथ के उस भार से
स्त्रोत गाया मैंने मेरे
नाथ को पुकार के

नाम की तरह वो
मेरे शब्द भी अमर हुए
भोलेनाथ के लिए जो
छंद मैंने गाये थे
मेरे जैसा योद्धा और
कौन है हुआ यहां पे
मैं वही हूँ जिसके वध
को प्रभु स्वयं आये थे

मेरे जैसा योद्धा और
कौन है हुआ यहां पे
मैं वही हूँ जिसके वध
को राम स्वयं आये थे
मैं वही हूँ जिसके वध
को राम स्वयं आये थे
मैं वही हूँ जिसके वध
को राम स्वयं आये थे

जिया स्वाभिमान में जो
वही दानव हूँ मैं
जिसने जीते तीनों लोक
वही मानव हूँ मैं
सारे ग्रहों को है बांधा
करा काल भी अधीन
महादेव का जो भक्त
वही रावण हूँ मैं

जिया स्वाभिमान में जो
वही दानव हूँ मैं
जिसने जीते तीनों लोक
वही मानव हूँ मैं
सारे ग्रहों को है बांधा
करा काल भी अधीन
महादेव का जो भक्त
वही रावण हूँ मैं

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं
वा श्रवणनयनजं वा मानसं ।
वापराधं विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥

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