मैं राधा को दास हिंदी रैप लिरिक्स (वायू)

मैं राधा को दास 

हिंदी रैप लिरिक्स (वायू)

मैं राधा को दास हिंदी रैप लिरिक्स (वायू)
मैं राधा को दास हिंदी रैप लिरिक्स (वायू)

Song :- Main Radhe Ko Daas
Prod/Mix/Master :- Vayuu
Vocal - Shree premanand ji Maharaj

मैं राधा को दास 

हिंदी रैप लिरिक्स (वायू)

क्या ही लिखू मैं ओ राधा रानी 
अपनी ये व्यथा
गलती जो हो रही 
कैसे मांगू मैं क्षमा
आपके सहारे से मैं 
चला जैसे तैसे
पर शायद किसी काबिल ना 
मैं कभी बन सका

लोग भी तो त्याग रहे 
धीरे धीरे सारे ही
लगता है नाराज़ बैठे 
मुझसे मेरे गाने भी
रोने की तो आंखें मेरी 
हृदय के हैं पास
ये बाहर की तो आंखें केवल 
बची हैं दिखावे की

सीना हो रहा खाली 
मानो अंदर टूटा कांच
पड़ गया अकेला राधा रानी 
क्यों ये दास ??
झूठी हँसी लेके कब तक 
जिऊ राधा रानी
ना जाने पूरा हो कब 
सूखो का अज्ञातवास

साधना मैं करु यूं तो 
बैठके भी रातों में
कहते मुझको अपना जो 
वो विष रखते है बातों में
पूछने क्या गलती हुई, 
चला ऐसे रास्ते
जो रास्ते तो हैं लेकिन 
बने हैं केवल कांटो से

प्रेम की बस खाल पहने, 
अंदर सबके स्वार्थ
किसने लग के गले खोपा खंजर, 
सब है याद
आप ही की तरह मैंने 
किया इंतज़ार बस
प्रेम का है अर्थ मेरे लिए, 
मिलना घाव

बिना रंगो के फूलो की 
गलियाँ बड़ी सूनी हैं
बे-सहारों में हैं मेरा 
नाम पहला सूची में
बरसाने वाली कृपा बरसादो 
अपने प्यारे पे
हमशक्ल हैं मेरे सारे 
पत्थर बंजर भूमि के

गीत लिखना मेरा है, 
देह की नीलामी
आप बिन ओ राधा रानी, 
व्यर्थ हैं ये प्राणी
हृदय में रहने वाले ही 
करदे उसको चूर
तो गीतो का फिर रूप लेता 
ये आँखो का पानी

गमो की ये माला मेरी 
गले को दबा रही
आस्था जो छोड़ू तो 
मेरी औकात क्या रही ??
आप पर भरोसा है तो 
जीव ये सलामत है
आपके बिना एक स्वास 
किसी काम का नहीं

आँखों में ये ख्वाब का, 
गाँव खाली हो रहा
अपने ही हो साथी जो, 
चोट देते 100 जगह
नाम जपु आपका तो 
प्राण मुझमें बाकी है
छोड़ दू जो जाप तो, 
बन ही जाऊँ खोखला

राधा रानी आप को ही 
सोपा अब तो सारा कुछ
रखा है हिसाब काफी 
लिख ना पाऊँ सारा दुख
जीतने की होड़ में मैं 
भीड में तो चल भी दूँ
पर आपसे जो दूर हुआ 
हार जाना सारा कुछ

फेरो ना आँखे मुझसे 
कभी तो रिहाई दो
ज़माना करता रहा खारीज़ 
इस सुनवाई को
चलता तो रहा लेकिन 
आगे ना क्यों बढ़ सका ??
राह में बस सभी ने 
भटकाया है इस राही को

आपके बिना ना चाहूँ 
एक भी कोई स्वाँस
भूल जाऊँ कृपा को तो 
मेरा ये विनाश
पीड़ा दो हे राधा रानी 
इतनी कि मैं सेह सकूँ
काँच सी ना टूट जाए 
बची जो ये आस

हूँ बड़ा अमीर मैं 
जो राधे आप पास
मुझसा कोई गरीब ना 
जो दूर मुझसे आप
पीड़ा दो हे राधा रानी 
इतनी कि मैं सेह सकूँ
काँच सी ना टूट जाए 
बची जो ये आस….

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