भजो रे मन गोविन्दा लिरिक्स
(देवी नेहा सारस्वत)
Composer: Tarun Rishi
Lyricist: Traditional | Toufique Palvi
Singer: Devi Neha Saraswat
भजो रे मन गोविन्दा लिरिक्स
(देवी नेहा सारस्वत)
गोविन्दा...
गोविन्दा...
बंसी बजाए, व्याकुल बनाए
मीठी धुन पे सब को नचाए
वृन्दावन में गईयां चराए
सखियन के संग रास रचाए
सुन्दर बाल मुकुंदा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा...
नयन तिहारे कारे कारे
सब गोपियन पे जादु डारे
सांवली सुरत मोहनी मूरत
मन को कोई ना कैसे हारे
सब ग्वालन में रसिया बड़ा है
सब ग्वालन में रसिया बड़ा है
ज्यू तारा विच चन्दा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा...
मटकी फोड़े माखन खाए
पनघट पे पपिहन को सताए
नटखट क्या क्या रूप दिखाए
संग सखा के खेल रचाए
छैल-छबीला बांके बिहारी
छैल-छबीला बांके बिहारी
डाले प्रेम का फंदा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा...
कान्हा मुख राधा है दर्पण
कान्हा है राधा में अर्पण
कान्हा जी तुझे मिल जायेंगे
कर लो बस राधा का दर्शन
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
काटो भव का फंदा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा
भजो रे मन गोविन्दा
सुन्दर बाल मुकुन्दा
भजो रे मन गोविन्दा
ज्यू तारा विच चन्दा
डाले प्रेम का फंदा
भजो रे मन गोविन्दा
काटो भव का फंदा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा
भजो रे मन गोविन्दा
नटवर नागर नन्दा...
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