कुम्भ लिरिक्स (कवी सिंह)

कुम्भ लिरिक्स (कवी सिंह)

कुम्भ लिरिक्स (कवी सिंह)
कुम्भ लिरिक्स (कवी सिंह)

Song - Kumbh (कुंभ )
Singer -Kavi Singh
Writer - Yash Shrivtastav
Composer - Kavi Singh
Music - Sandeep Pichopiya
Label & Copyright :- Kavi Singh

कुम्भ लिरिक्स (कवी सिंह)

मैं आज कुम्भ जाऊं
गंगा नहा के आऊँ
मैं आज कुम्भ जाऊं
गंगा नहा के आऊँ

ये महाकुम्भ की धरती
ये महाकुम्भ की धरती
प्रयागराज आओ
ये महाकुम्भ की धरती
प्रयागराज आओ
जय राम राम गाओ
गंगा में गोते लाओ
जय राम राम गाओ
गंगा में गोते लाओ

12 बरस में इक बार आवे
सारी दुनिया को लागे
खुद में समावे
12 बरस में इक बार आवे
सारी दुनिया को लागे
खुद में समावे
अरे संगम नहाओ
के स्वर्ग फल पाओ
अरे संगम नहाओ
और स्वर्ग फल पाओ
जय राम राम गाओ
गंगा में गोते लाओ
जय राम राम गाओ
गंगा में गोते लाओ

गंगा यमुना यहाँ सारी माँ है
त्रिवेणी संगम कि पावन छटा है
गंगा यमुना यहाँ सारी माँ है
त्रिवेणी संगम कि पावन छटा है
लेटे हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाओ
लेटे हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाओ
जय राम राम गाओ
गंगा में गोते लाओ
जय राम राम गाओ
गंगा में गोते लाओ

सुर नर गंधर्व आने को तरसें
मुक्ति मिल जाती
यहाँ अमृत है बरसे
सुर नर गंधर्व आने को तरसें
मुक्ति मिल जाती
यहाँ अमृत है बरसे
प्रेम ज्ञान यहाँ आके
हर ओर पाओ
प्रेम ज्ञान यहाँ आके
हर ओर पाओ
जय राम राम गाओ
गंगा में गोते लाओ
जय राम राम गाओ
गंगा में गोते लाओ

कल्प वास से शुद्ध करो मन को
अमृतमयी रज लिप्त करो तन को
कल्प वास से शुद्ध करो मन को
अमृतमयी रज लिप्त करो तन को
कवी सिंह के साथ भव तर जाओ
कवी सिंह के साथ भव तर जाओ
सब राम यश गाओ
और राम के हो जाओ
सब राम यश गाओ
और राम के हो जाओ
राम के हो जाओ
राम के हो जाओ....

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