महाकुम्भ संगम लिरिक्स (कैलाश खैर)

महाकुम्भ संगम 

लिरिक्स (कैलाश खैर)

महाकुम्भ संगम लिरिक्स (कैलाश खैर)
महाकुम्भ संगम लिरिक्स (कैलाश खैर)

Song: MAHAKUMBH SANGAM
Singer & Composer: Kailash Kher
Lyricist: Kailash Kher
Music Distribution: Damroo.co
Record Label: Kailasa Records
Kailasa Entertainment Pvt. Ltd

महाकुम्भ संगम 

लिरिक्स (कैलाश खैर)

यज्ञेन यज्ञमयजन्त
देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्।
ते ह नाकं महिमानः
सचन्त यत्र पूर्वे साध्याः सन्ति देवाः

चलो गोता खायें संगम में
करे तीर्थ स्थावर जंगम में

हर हर हर नर नारायण हैं
यही आदि अन्त पारायण है
जहां अगम अलौकिक ज्योत जले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले

अंजुली मे भर कर उस जल को
हम अमृत से भर जाएँगे

है धार धार उद्धार लिए
हम पल भर में तर जाएँगे
लिए मन में पावन भक्ति चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले

जहां शंख प्राण तक गूँज उठे
जहां भक्ति लहर उठ कर बोले

जहां पुन्य जगे गहराई से
और श्रद्धा भी आँखें खोले
सब उस दर्शन के लिए चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले

जहां करतब अजब अखाड़ो के
आँखो मे अचरज भरते है

हुंकार भर के हर हर गंगे
शाही स्नान साधुजन करते है
एक अनुभव अद्भुत करने चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले

चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले

चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले
चलो कुम्भ चले, चलो कुम्भ चले...

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