नरहरि लिरिक्स (सिद्धार्थ)
नरसिंह अवतार रैप
नरहरि लिरिक्स (सिद्धार्थ) नरसिंह अवतार रैप लिरिक्स |
Song : NaraHari
Rap & Lyrics : Siddharth
Chorus : Agam Aggarwal
Chorus Lyrics : Traditional
Music & Mixing : CHANKKYA
नरहरि लिरिक्स (सिद्धार्थ)
नरसिंह अवतार रैप लिरिक्स
सिंह रूप विकराल तुम्हारा
बदन तना श्रृंगार सजा
अति अधिक है क्रोध तुम्हारा
देवो का भी शंख बजा
सर पहुंचे वो ब्रह्म लोक
और चरण पड़े पाताल कहि
हुए प्रकट जब नारायण
तब मुश्किल से ब्रह्माण्ड सदा
जब प्राण हाथ में,
असुर साथ में,
प्रभु घात में बैठे
जब ज्ञान पाठ में,
हरि ध्यात में,
वेद सार ही कह देते
जब ध्यान लगा हो
प्राण नाथ में,
अति मधुर संवाद चले
जब संकट आये भक्त पे उसके,
क्रोध आवेश में वार चले
तव कर-कमल-वरे नखाम अद्भुत-श्रृंगम
दलित-हिरण्यकशिपु-तनु-भृंगम
केशव धृत-नरहरि-रूपा
जय जगदीश हरे
जय जगदीश हरे
जय जगदीश हरे
उग्रम इतने ब्रम्हांड डरे
वीरम जो धरा न साध सके
महा विष्णु जो हुए प्रकट
भौतिक बुद्धि न साध सके
करुणा से हैं देख रहे
एक ओर क्रोध का वार करे
एक ओर चाट ते भक्त को अपने
भव सागर से पार करे
एक ओर टिकी हैं आंखें
अश्रु भरे हुए हैं भाव भरा
एक ओर ढूंढते राक्षस,
जिसने घातक प्रहार किया
एक ओर सभी मुख से अपने
ले जाला रहे अभिमान सभी
एक ओर भक्त को देख देख
ना उनकी अश्रु धार रुकी
ले नखो से अपने नारायण ने
जब घातक प्रहार कारा
ले आन्तडियाँ भी निकल रही
और चीख रहा लाचार पड़ा
सब वरदानों के परे हटे
भक्तो की रक्षा करने को
अपने नरसिंम्हा रूप
हिरण्यकश्यपो कल्याल करा
तव कर-कमल-वरे नखाम अद्भुत-श्रृंगम
दलित-हिरण्यकशिपु-तनु-भृंगम
केशव धृत-नरहरि-रूपा
जय जगदीश हरे
जय जगदीश हरे
जय जगदीश हरे....
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