जटाजूट हिंदी लिरिक्स
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जटाजूट हिंदी लिरिक्स |
Song: Jatajoot (जटाजूट)
Rap: Narci / narci_thoughts
Singer: Abhilipsa Panda / jazz_from_abhilipsa
Voice: Premanand Maharaj
Lyrics: Narci & Traditional
Music & Arrangement: Narci
जटाजूट हिंदी लिरिक्स
[अभिलिप्सा पांडा]
पशूनां पतिं पापनाशं परेषाम्
गजेन्द्रस्य कृत्तिं वासनां वरेण्यं
जटाजूटमध्ये स्फुरद्गंगवारिम्
महादेवमेकं स्मरामि स्मररिम्
[प्रेमानंद महाराज]
हमें कोई परम पद नहीं चाहिए
हमारे अंदर कोई ऐसी आकांक्षा नहीं
कि हम शिव को छोड़ कर कोई परम पद पाये
[अभिलिप्सा पांडा]
शिवकान्त शम्भो ससंकरधमौले
महेशां शूलिं जटाजूटधारिं
त्वमेको जगद्व्यपाको विश्वरूप
प्रसीद प्रसीद प्रभो पूर्णरूप
[नरसी]
शिव शीश धारणी के जैसा खड़ा प्राणी
स्तुति हेतु तेरी रोज़ गूँजे मेरी वाणी
गाते हुए स्तुति बहता आँखों से जो पानी
साफ ही बताता है सांसें भोले की दीवानी
ना बस मेरे क्रोध, लोभ, ना ही काम वासना
स्वयं ही मैं भटका हूं क्या औरों को दूं रास्ता?
पैर मेरे पापी प्रभु रुके तेरे द्वार पे
क्षमा करो पाप और बचा लो मेरी आस्था
बोलो नयनार जैसे कैसे देदुं नैन?
कैसे काटूँ सार, होगी पीड़ा ना सेहन
कायर है ये दास बातें बड़ी करना जाने
कैसे बन सती करूं काया भी दहन?
मांग रहा मृत्यु न क्षमा प्रभु खुद को
तारो मेरे प्राण ताकी आत्मा ये शुद्ध हो
आंखें करी बंद मैंने ये लो महादेव
उठा के त्रिशूल काटो पापी मेरे मुंड को
[अभिलिप्सा पांडा]
शम्बो महेशा करुणामय शूलापने
गौरीपतये पाशुपतये पाशुपासनाशिन्
काशीपते करुणाय जगदेतदेकस
त्वं हंसि पासि विदाधसि महेश्वरोसि
[प्रेमानंद महाराज]
वो शिव है, समझ रहे हैं ना?
[अभिलिप्सा पांडा]
न भूमिर न चापो न वह्निर न वायुर
न चाकास अस्ते न तन्द्रा न निद्रा
न ग्रिश्मो न शीतो न देशो न वेशो
न यश्यस्तु मूर्तिस्त्रीमूर्ति तामिदे
[नरसी]
देके मेरी सांसे है बैकुंठ में ही जागना
जानते हो भोले कलि काल आया रास ना
काया लेके आया माना काले इस काल में
त्रेता वाले काल में पर छोड़ आया आत्मा
कर दो आज़ाद, प्रभु प्राण मेरे मांग लो
छोड़ दूँगा जान लेके हरि हर नाम को
सुनो जटाजूट बस दास की ये याचिका
हाथ मेरा थाम लेके चलो हरि धाम को
बेकली ये दास की कभी आके देख नाथ
रात भर जाग के ना यूं ही लिखे लेख नाथ
मोक्ष के समान होगा क्षण वो तो प्रभु
आपको और हरि को जो देख लूँगा एक साथ
आप में समाना प्रभु सारों को ही अंत में
आप ही मिटाना प्रभु ब्रह्म वाली ढूंढ ये
मृत्यु को पा के भी मैं रुकूंगा ना प्रभु
आ रहा हूँ भोले लेके कटा हुआ मुंड में
[अभिलिप्सा पांडा]
शिवकान्त शम्भो ससंकरधमौले
महेशां शूलिं जटाजूटधारिं
त्वमेको जगद्व्यपाको विश्वरूप
प्रसीद प्रसीद प्रभो पूर्णरूप
[नरसी]
देके मेरी सांसे है बैकुंठ में ही जागना
जानते हो भोले कलि काल आया रास ना
काया लेके आया माना काले इस काल में
त्रेता वाले काल में पर छोड़ आया आत्मा
कर दो आज़ाद, प्रभु प्राण मेरे मांग लो
छोड़ दूँगा जान लेके हरि हर नाम को
सुनो जटाजूट बस दास की ये याचिका
हाथ मेरा थाम लेके चलो हरि धाम को
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