शिव आरती लिरिक्स
(हंसराज रघुवंशी)
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शिव आरती लिरिक्स (हंसराज रघुवंशी) |
Singer :- Hansraj Raghuwanshi
Composer :- Hansraj Raghuwanshi
Lyrics. : Traditional
Music. : Salim Suleman
Label :- Hansraj Raghuwanshi Lofi
शिव आरती लिरिक्स
(हंसराज रघुवंशी)
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
ब्रह्मा, विष्णु, सदा शिवा
ब्रह्मा, विष्णु, सदा शिवा
अर्द्धंगी भोले धारा
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी ।
त्रिपुरारी कंसारी कार माला धारी ॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुडादिक भूतादिक संगे ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
मधु-कैटभ दोउ मरे, सुर भयहीन करे ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा ।
भांग धतूरे का भोजन,भस्मी में वासा ॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत, ओढत मृगछाला ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत महिमा अति भारी ॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
जय शिवा ओंकाराया
स्वामी जय शिवा ओंकाराया ॥
शिवा.......
शिवा.......
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