बम भोले बम लिरिक्स

बम भोले बम लिरिक्स

बम भोले बम लिरिक्स
बम भोले बम लिरिक्स

Rapper - Kaadar
Music | Vocals - Agam

बम भोले बम लिरिक्स

बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
यहीं वो मंत्र है यहीं वो तंत्र है
यहीं वो मंत्र है यहीं वो तंत्र है
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम

नी मैं जाना जहां पे तेरा वास है
केश पे चाँद साजे
गले में माला सा वो पहने नाग है
मेरे भंडारी ओ त्रिपुरारी,
देवों के महादेव
पार करदो नैया सारी
एक पाँव पे आदिनाथ जब नाँचे
डम डम डम डमरू ये बाजे
त्रिनेत्र खोले तो तीनो लोक कांपे
विष हलक में ही रोक जाते
रहनी है जैसे हो साधु कोई
केवल नाम से करते है जादू कोई
वश में माया ये सारी करे
त्रिशूलधारी करे
नंदी की वो तो सवारी करे
आपदा दूर ये सारी करे
हे आदिनाथ भूतेश्वर
हे परम परम परमेश्वर!
पल में जो पलटे काया
महायोगी महाशक्ति माया
हर जगह तेरा है भक्त ही पाया
सारी विपदाओं की मिटती छाया
बगड़ बम बगड़ बम
बगड़ बम बम बम बम
डमरू बाजे डमरू बाजे
ये तो डम डम डम डम
बगड़ बम बगड़ बम
बगड़ बम बम बम बम
डमरू बाजे डमरू बाजे
ये तो डम डम डम डम

कभी योगी कभी जोगी
कभी बाल ब्रह्मचारी
कभी आदि देव महादेव त्रिपुरारी
महादेव त्रिपुरारी..
कभी शंकर कभी शम्भु
कभी भोले भंडारी
नाम है अनंत तोरे जग बलिहारी
तोरे जग बलिहारी...
शिव का नाम लो
सुबह शाम लो
शिव का नाम लो
सुबह शाम लो
गाते रहो जब तक दम में है दम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम

हे त्रिलोकपति!
तीनो लोक ये शीश झुकाये
त्रयम्बकम्, दिगंबरम
तू ही मंत्र है तू ही तंत्र सब
परमेश्वराय, सर्वेश्वराय
गंगाधराय, शंकरायाये
त्रयम्बकम्, दिगंबरम
तू ही मंत्र है तू ही तंत्र सब
परमेश्वराय, सर्वेश्वराय
गंगाधराय, शंकरायाये
लगाके वो तो राख रखे
लपेट के ये नाग रखे
संग गण भूत पिशाच रखे
रुद्र वो और वही रुद्राक्ष रखे
जब ये डमरू बाजे
शिव गण सब ये नाचे
कांधो पे कावड़ है
बस भोला पुकारे
है विशाल है महाकाल
है बैरागी, है नीलकंठ
वही करे आरम्भ
वही करे अन्त
वही स्वामी अन्तर्यामी
है विशाल है महाकाल
है बैरागी, है नीलकंठ
वही करे आरम्भ
वही करे अन्त
वही स्वामी अन्तर्यामी

दक्ष प्रजापति जब हुंकारा
त्रिशूल से शीश उतारा

दक्ष प्रजापति जब हुंकारा
त्रिशूल से शीश उतारा
माफ़ी मांगी होश में आये
बकरे का तब शीश लगाये
बकरे का तब शीश लगाये
आशुतोष भोले बाबा भये प्रसन्न
बकरे ने मुख से जब बोली बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
यहीं वो मंत्र है यहीं वो तंत्र है
यहीं वो मंत्र है यहीं वो तंत्र है
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम

नी मैं जाना जहां पे तेरा वास है
केश पे चाँद साजे
गले में माला सा वो पहने नाग है
मेरे भंडारी ओ त्रिपुरारी,
देवों के महादेव
पार करदो नैया सारी
बम भोले बम भोले बम बम बम
बम भोले बम भोले बम बम बम..

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