आत्मा राम में लिरिक्स (स्लोविज)

आत्मा राम में

लिरिक्स (स्लोविज)


आत्मा राम में लिरिक्स (स्लोविज)
आत्मा राम में लिरिक्स (स्लोविज)

Song - Aatma Mein Ram
Rap Written & Performed By- Shlovij
Produced & Mixed/Mastered By- X Zeus

आत्मा राम में लिरिक्स

(Slovij)

आ.....
आत्मा रामा आनंद रमणा,
अच्युत केशव हरि नारायण
आत्मा रामा आनंद रमणा,
अच्युत केशव हरि नारायण
आत्मा रामा आनंद रमणा,
अच्युत केशव हरि नारायणा...
हरि नारायणा...

आत्मा अमर है
और नश्वर है ये शरीर..
देह त्याग चुके
यहाँ कर्ण अर्जुन जैसे वीर..
क्रोध लोभ मोह सारे
मन के है विचार
अहंकार ही मनुष्य को
बना देता है क्षीण..
ना धन से ना छल से
ना बल से ना ज्ञान से
ईश्वर को पाया नहीं जा सका
अभिमान से
आत्मा परमात्मा का अंश है
महिन सा
होना है परिचित तो
वो होगा केवल ध्यान से..
आत्मा में राम,
राम में आत्मा रख
आस्था में राम
और राम में आस्था, क्या
दिशा चार है
कदम बढ़ा कहीं भी
रख साफ ये मन
तो खुद ही मिलेगा रास्ता, क्या
आत्मा राम में,
राम में आत्मा रख
आस्था में राम
और राम में आस्था, क्या
फल की छोड़
और तू कर्म करते चल
देख आज जो कमाया
तेरे कल वो पास था क्या?

आ..........आ.............

आत्मा रामा आनंद रमणा,
अच्युत केशव हरि नारायण
आत्मा रामा आनंद रमणा,
अच्युत केशव हरि नारायण
आत्मा रामा आनंद रमणा,
अच्युत केशव हरि नारायणा...
हरि नारायणा......

खुद से खुद ही
खुद को कर तू
ईश्वर के करीब
बेशक धन से हो गरीब
ना बन भक्ति से गरीब
सब पाप के लोभी लगे,
सब लाभ के रोगी
तू रखले आत्मा में राम
और जा राम के समीप...
मन चंचल है भटकायेगा
पर मैं भटकूंगा नहीं
ये दुनिया मायाजाल है
इसमें अटकूंगा नहीं
किंचित मेरे प्रयास
सब खटके दुनिया की आंखें में
पर ईश्वर की आंखों में
कदापि खटकूंगा नहीं..
मैं नर मेरे नारायण
मेरे शिव मेरे है राम,
नतमस्तक होके करता
मेरे ईश्वर को प्रणाम,
मांगू भला क्या आपसे
मन की जाने है आप,
मैं बोलू उससे पहले ही
सब बन जाते है काम..
ये आचरण है सही प्रभु
भक्ति में ही लीन....
संपूर्ण सृष्टि ईश्वर के आगे
सूक्ष्म महिन ।
है पालनकर्ता विष्णु जी
उत्पत्ति कारक ब्रह्मा
और संहारक है सदाशिव
जो कि नेत्र रखते तीन सो,
आत्मा में राम,
राम में आत्मा रख
आस्था में राम
और राम में आस्था, क्या
दिशा चार है
कदम बढ़ा कहीं भी रख
साफ ये मन
तो खुद ही मिलेगा रास्ता, क्या
आत्मा में राम,
राम में आत्मा रख
आस्था में राम
और राम में आस्था, क्या
फल की छोड़
और तू कर्म करते चल
देख आज जो कमाया
तेरे कल वो पास था क्या?

आत्मा रामा आनंद रमणा,
अच्युत केशव हरि नारायणा...
हरि नारायणा......

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