राधा मेरी स्वामिनी लिरिक्स (वायू)
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राधा मेरी स्वामिनी लिरिक्स (वायू) |
Song :- Radha Meri Swamini
( राधा मेरी स्वामिनी )
Prod/Mix/Master :- Vayuu
Poster/Video :- अज्ञात
राधा मेरी स्वामिनी लिरिक्स (वायू)
राधा मेरी स्वामिनी मैं राधे का हूँ दास
उन्हीं के सहारे ये दास ले रहा सांस
अधम हुं मैं पापी हूं मैं धीन-हीन अज्ञानी सा
बस इतना पता हैं मैं जैसा भी हूँ राधा रानी का
लेके माला हाथ में हूँ खोया राधा नाम में
अश्रु रूप लेके आती श्री जी मेरी आँख में
दुखालय संसार में बस भक्ति देती सुख
मैं शरणागत हूँ मेरे सारे काम होते खुद
पागल हूँ मैं ऐसा जिसको समझे मुझसा पागल कोई
जो पागल राधा नाम में उससे बड़ा कोई पागल नहीं
चिंता मैं क्यू करु मेरी स्वामिनी सब देखेगी
मुझको सब कुछ दे देंगी वो मेरा सब कुछ लेके भी
क्या बोले अनाथ ये वे मेरी प्राण नाथ
लाखो माँओ जितना मेरा रखती वे ख्याल
वृन्दावन की गलियों में ही खोया मेरा चित्त
ये गीत लिखती वे हीं स्वयं मैं केवल निमित्त
क्रीड़ा करी जाए, सुबह शाम या रुलाए
हँसाए या दुखो की वे बरसात देके जाए
त्याग दे अपनाए, ओझल या सामने आए
अब तो जोई जोई प्यारो करे सोई मोहि भावे
मैं जितना खुद के पास भी नहीं उतना राधा रानी के
हैं लेखक राधे कृष्ण मेरे जीवन की कहानी के
नाम में रहता हूँ इस शरीर से हूँ दूर
हृदय की बंजर भूमि में भी खिल रहे हैं फूल
गीत मेरे जब भी मेरे प्रेम को दर्शाते हैं
आँखों के समंदर से फिर मोती निकल आते हैं
दुनिया से क्या लेना देना दुनिया अपनी है ही नहीं
अपनी दुनिया श्री जी चरण अपनी कुटिया केवल वही
जिनको जीवन सोपा, शेष मुझपे मेरा कुछ ना
तो फ़िर उनके बिना एक क्षण भी कैसे जी सकता हूँ
भटकते-भटकते मिला मनुष्य ये जीवन
अहो-भाग्य इस जीवन में राधा नाम ले सकता हूँ
क्रीड़ा करी जाए, सुबह शाम या रुलाए
हँसाए या दुखो की वे बरसात देके जाए
त्याग दे अपनाए, ओझल या सामने आए
अब तो जोई जोई प्यारो करे सोई मोहि भावे
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